नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या खाना चाहिए?

नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या खाना चाहिए?

  • 2025-01-07
  • नॉर्मल डिलीवरी के लिए क्या खाना चाहिए?

नॉर्मल डिलीवरी के लिए सही आहार लेना बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। गर्भावस्था के दौरान संतुलित और पौष्टिक भोजन करना चाहिए ताकि शरीर डिलीवरी के लिए तैयार हो सके।

  1. प्रोटीन से भरपूर आहार: प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करता है। दालें, अंडे, मछली, चिकन, और सोयाबीन जैसे प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ गर्भवती महिलाओं के लिए आवश्यक हैं।

  2. फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ: फाइबर कब्ज की समस्या को कम करता है, जो गर्भावस्था में सामान्य है। फल, सब्जियां, साबुत अनाज, और ओट्स फाइबर के अच्छे स्रोत हैं।

  3. कैल्शियम और आयरन: कैल्शियम हड्डियों को मजबूत करता है और आयरन हीमोग्लोबिन के स्तर को बनाए रखता है। दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, और ड्राई फ्रूट्स जैसे खाद्य पदार्थ इनमें मददगार होते हैं।

  4. फोलिक एसिड: फोलिक एसिड गर्भ में बच्चे के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास में मदद करता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकली, और फलियां इसका अच्छा स्रोत हैं।

नॉर्मल डिलीवरी के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और नियमित रूप से हल्का व्यायाम करना भी आवश्यक है। संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली से डिलीवरी के समय जटिलताएं कम हो सकती हैं।

प्रेग्नेंसी के 9वें महीने में डाइट में जरूर शामिल करें ये 5 सुपरफूड्स

नॉर्मल डिलीवरी की चाह रखने वाली महिलाओं के लिए प्रेग्नेंसी के 9वें महीने में सही डाइट का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस समय शरीर को अतिरिक्त पोषण की जरूरत होती है ताकि माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। यहां हम 5 सुपरफूड्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें डाइट में शामिल करने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ सकती है:

  1. हरी पत्तेदार सब्जियां: पालक, मेथी और सरसों जैसी सब्जियां आयरन और फोलेट से भरपूर होती हैं, जो खून की कमी को दूर करती हैं और बच्चे के विकास में मदद करती हैं।

  2. फल: ताजे फल जैसे संतरा, केला और सेब फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होते हैं। ये पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं और शरीर में ऊर्जा बनाए रखते हैं।

  3. दूध और डेयरी उत्पाद: कैल्शियम और प्रोटीन से भरपूर दूध, दही और पनीर हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और बच्चे के विकास में सहायक होते हैं।

  4. ड्राई फ्रूट्स: बादाम, अखरोट और खजूर जैसे ड्राई फ्रूट्स ऊर्जा का अच्छा स्रोत होते हैं और आवश्यक फैटी एसिड्स प्रदान करते हैं।

  5. साबुत अनाज: ओट्स, ब्राउन राइस और ज्वार जैसे साबुत अनाज फाइबर से भरपूर होते हैं, जो पाचन को दुरुस्त रखते हैं और शरीर को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करते हैं।

  6. देसी घी के साथ हल्दी वाला दूध: देसी घी और हल्दी का मिश्रण सूजन कम करने में मदद करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है। यह प्रसव के लिए शरीर को तैयार करता है।

  7. शकरकंद: शकरकंद फाइबर और कार्बोहाइड्रेट का अच्छा स्रोत है, जो पाचन सुधारता है और ऊर्जा प्रदान करता है।

  8. खजूर: खजूर में आयरन और फाइबर भरपूर होता है, जो खून की कमी को दूर करने और पाचन को दुरुस्त रखने में मदद करता है।

  9. नारियल पानी: नारियल पानी शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और इलेक्ट्रोलाइट्स की भरपाई करता है, जो मांसपेशियों की थकान को कम करता है।

  10. केसर: केसर दूध में मिलाकर पीने से रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और यह मूड को बेहतर बनाता है।

बच्चेदानी का मुंह खोलने वाले खाद्य पदार्थ

प्रसव के समय बच्चेदानी का मुंह खोलने के लिए कुछ खाद्य पदार्थ सहायक हो सकते हैं। ये प्राकृतिक रूप से गर्भाशय की मांसपेशियों को नरम करने और प्रसव को सुगम बनाने में मदद करते हैं:

  1. खजूर: नियमित रूप से खजूर का सेवन गर्भाशय की मांसपेशियों को मजबूत करता है और प्रसव को तेज करने में मदद करता है।

  2. अन्नानास: इसमें ब्रोमेलैन नामक एंजाइम होता है, जो गर्भाशय की दीवार को नरम करने में सहायक होता है।

  3. पपीता (पका हुआ): पका हुआ पपीता में मौजूद एंजाइम गर्भाशय को उत्तेजित करने में मदद कर सकता है।

  4. लहसुन: लहसुन का सेवन रक्त परिसंचरण में सुधार करता है और प्रसव को सुगम बनाने में मदद कर सकता है।

  5. नारियल पानी: यह शरीर को हाइड्रेटेड रखता है और मांसपेशियों को आराम देता है।

इन खाद्य पदार्थों का सेवन प्रसव से पहले डॉक्टर की सलाह के बाद ही करें।

  • अंडे: प्रोटीन और विटामिन से भरपूर, गर्भावस्था में अंडे महत्वपूर्ण हैं।

  • अमरूद: अमरूद विटामिन C और फाइबर प्रदान करता है, जो पाचन में मदद करता है।

  • खुबानी: खुबानी आयरन और फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो खून की कमी दूर करता है।

  • गर्भावस्था: इस दौरान संतुलित आहार और पोषण बेहद जरूरी हैं।

  • चेरी: चेरी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है, जो इम्यूनिटी बढ़ाती है।

  • तिल के लड्डू: तिल के लड्डू कैल्शियम और आयरन से भरपूर होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।

  • दूध: दूध कैल्शियम और प्रोटीन प्रदान करता है, जो बच्चे की हड्डियों के विकास में मदद करता है।

  • देसी घी: देसी घी ऊर्जा प्रदान करता है और पाचन सुधारता है।

  • नौवां महीना: इस समय सही पोषण और देखभाल प्रसव की तैयारी में मदद करती है।

  • संतरा: संतरा विटामिन C से भरपूर होता है, जो इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है।

  • सर्विक्स का मुंह: प्रसव के समय सर्विक्स का खुलना महत्वपूर्ण होता है।

  • हल्दी वाला दूध: हल्दी वाला दूध सूजन कम करता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है।

फलों का सेवन

यह विषय उन फलों के सेवन पर प्रकाश डालता है जो नॉर्मल डिलीवरी में सहायक हो सकते हैं और लेबर पेन को कम कर सकते हैं।

  • अनानास:- ब्रोमेलैन से भरपूर, गर्भाशय को नरम करता है।
  • अमरूद:- फाइबर और विटामिन C प्रदान करता है।
  • आम:- विटामिन A और C से भरपूर।
  • कीवी:- फोलिक एसिड और विटामिन E का स्रोत।
  • केला:- पोटैशियम और फाइबर प्रदान करता है।
  • केसर:- मूड सुधारता है और रक्त संचार बढ़ाता है।
  • खुबानी:- आयरन और फाइबर से भरपूर।
  • देसी घी:- पाचन सुधारता है और ऊर्जा देता है।
  • नारियल पानी:- शरीर को हाइड्रेट रखता है।
  • पपीता:- पका हुआ पपीता पाचन में सहायक है।
  • संतरा:- विटामिन C से भरपूर।
  • सेब:- एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर प्रदान करता है।

मलासन का महत्व

मलासन (योगासन) गर्भवती महिलाओं के लिए प्रसव के समय काफी फायदेमंद हो सकता है। यह आसन शरीर की मांसपेशियों को लचीला बनाता है और गर्भाशय की मांसपेशियों को खोलने में मदद करता है, जिससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है।

  1. मांसपेशियों को मजबूत बनाना:मलासन करने से पैल्विक क्षेत्र की मांसपेशियां मजबूत होती हैं, जिससे प्रसव के दौरान दर्द में कमी आती है।

  2. गर्भाशय का खुलना:यह आसन गर्भाशय के मुंह को खोलने में मदद करता है और प्रसव को सुगम बनाता है।

  3. पाचन सुधारना:मलासन पाचन तंत्र को सुधारता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान आम होती हैं।

  4. तनाव कम करना:यह आसन शरीर को आराम देता है और मानसिक तनाव कम करने में सहायक होता है, जिससे प्रसव के समय मन शांत रहता है।

मलासन को धीरे-धीरे और सही तरीके से करना चाहिए, और इसे शुरू करने से पहले डॉक्टर या योग विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।

  1. कूल्हे: - प्रेग्नेंसी के दौरान कूल्हे का लचीलापन प्रसव को आसान बनाता है।
  2. गर्भाशय:गर्भाशय बच्चे के विकास का केंद्र है, जो प्रसव के समय फैलता है।
  3. गर्भाशय ग्रीवा:यह प्रसव के दौरान खुलता है, जिससे बच्चा बाहर आ सके।
  4. थकान:प्रेग्नेंसी में थकान आम है, जिसे आराम और पोषण से कम किया जा सकता है।
  5. पीठ:प्रेग्नेंसी में पीठ दर्द होता है, जिसे योग और सही मुद्रा से ठीक किया जा सकता है।
  6. पेल्विक क्षेत्र:पेल्विक मांसपेशियों की मजबूती प्रसव में मदद करती है।
  7. प्रसव:नॉर्मल डिलीवरी के लिए शारीरिक तैयारी जरूरी है।
  8. प्रेग्नेंसी:यह शरीर में कई बदलाव लाती है, जिनके लिए सही देखभाल जरूरी है।
  9. मलासन:मलासन पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करता है और प्रसव को सुगम बनाता है।
  10. मांसपेशियां:मजबूत मांसपेशियां प्रसव को आसान बनाती हैं।
  11. शारीरिक गतिविधि:हल्की गतिविधियां प्रेग्नेंसी में सहायक होती हैं।
  12. सर्विक्स:प्रसव के दौरान सर्विक्स का खुलना आवश्यक है।

निष्कर्ष

नॉर्मल डिलीवरी के लिए सही आहार और शारीरिक गतिविधियों का पालन करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है। प्रेग्नेंसी के 9वें महीने में उचित पोषण से माँ और बच्चे की सेहत को बेहतर बनाया जा सकता है। हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजे फल, दूध, ड्राई फ्रूट्स और साबुत अनाज जैसी सुपरफूड्स का सेवन गर्भाशय और शरीर की मांसपेशियों को तैयार करता है, जिससे प्रसव की प्रक्रिया आसान और सहज होती है। साथ ही, मलासन जैसे योगासन पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत करके प्रसव के समय मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, बच्चेदानी को उत्तेजित करने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन भी प्रसव को सुगम बनाता है। इन सभी उपायों का पालन करने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ सकती है। फिर भी, किसी भी आहार या शारीरिक गतिविधि को अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना अत्यंत आवश्यक है।

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About Author

Dr. Nisha Sharma

Studied at Red Roses Sr. Sec. School, D-Block, Arya Samaj Mandir; she has established herself into a renowned personality. She received her degrees (both BDS and MDS) in dentistry. She received her fellowship at the Pierre Fauchard Academy (FPFA). She has also received her certifications for full mouth rehabilitation and cosmetic dentistry. Currently, she practices her medicine of dentistry at Dr. Chopra Dental Clinic in Ramesh Nagar, Delhi.

Comments ( 1)

  • Mansi

    Thanks for the valuable information.

    2023-01-05 00:00:00

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